शिप्रा नदी में डूबते युवक को बचाया गया: गोताखोरों ने बहादुरी से कूदकर बचाई जान, सीपीआर देकर अस्पताल पहुंचाया
उज्जैन
श्रावण मास की शनिवार संध्या उस समय सांसें थम गईं जब शिप्रा नदी में नहाते वक्त एक युवक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। मौके पर मौजूद मां शिप्रा तैराक दल के गोताखोरों ने समय रहते जान की बाज़ी लगाकर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला।
📍 घटना रामघाट के पास की
यह घटना रामघाट से दत्त अखाड़ा को जोड़ने वाली छोटी रपट के पास शाम करीब 6 बजे की है। नदी में नहाते समय युवक अचानक गहरे पानी की ओर बढ़ गया और डूबने लगा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो घाट पर तैनात गोताखोर तुरंत हरकत में आए।
🏊♂️ गोताखोरों ने दिखाई सतर्कता और बहादुरी
तैराक दल के सचिव संतोष सोलंकी के अनुसार, युवक को बचाने के लिए तेजा कहार, माधव सिंधे, दीपक कहार और अन्ना कहार ने बिना समय गंवाए नदी में छलांग लगा दी। कुछ ही मिनटों में युवक को बाहर निकाला गया।
❤️🩹 सीपीआर देकर बचाई जान
घाट पर ही युवक को प्राथमिक सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) दी गई, जिसके बाद उसे तत्काल ऑटो से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल युवक को आईसीयू में भर्ती किया गया है और वह अभी होश में नहीं है।
डॉक्टरों के मुताबिक, समय रहते इलाज मिलने से युवक की जान बचाई जा सकी है। युवक की पहचान फिलहाल अज्ञात है और उसके होश में आने के बाद ही जानकारी मिल सकेगी।
🌊 नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ, श्रद्धालु सतर्क रहें
बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं श्रावण मास होने से हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए घाटों पर पहुंच रहे हैं। इस स्थिति में सुरक्षा दलों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है।
“तैराक दल की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक जान बच सकी। श्रावण में श्रद्धालुओं को सावधानी बरतनी चाहिए और गहरे पानी में जाने से बचना चाहिए।“
— संतोष सोलंकी, सचिव, मां शिप्रा तैराक दल
⚠️ सावधानी ही सुरक्षा है
शिप्रा जैसी नदियों में सावधानी से स्नान करें। घाटों पर लगाए गए चेतावनी बोर्ड और तैराक दल के निर्देशों का पालन करें। एक छोटी सी लापरवाही बड़ा हादसा बन सकती है।
